लोकसभा (Lok Sabha) में भारत सरकार ने बताया है कि पिछले दो साल से 2 हजार रूपये के एक भी नोट की छपाई नहीं हुई है। छपाई ना होने के कारण इसकी संख्या में कमी आ गई है। नोट की दो साल से छपाई नहीं होने पर वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को संसद (Parliament) को लिखित रूप में जवाब देते हुए कहा कि 30 मार्च 2018 को 2000 रुपए के 336.2 करोड़ नोट सर्कुलेशन में थे, ठीक दो साल बाद 26 फरवरी 2021 को इसकी संख्या में कमी आते हुए 249.9 करोड़ रह गई।
जनता की तरफ नहीं हुई कोई मांग
संसद को जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री ने नोट छपाई के जवाब में कहा, ”किसी मूल्य के बैंक नोटों की छपाई का फैसला जनता की लेन-देन की जरूरत को देखकर पूरा करने के लिए RBI के दी सलाह पर लिया जाता है। ” उन्होंने कहा, जनता की तरफ से ”2019-20 और 2020-21 में 2000 रुपए के नोट की छपाई का ऑर्डर नहीं दिया गया है।’
साल 2019 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 में 35 लाख 42 हजार 991 करोड़ नोटों की प्रिंटिंग हुई थी। इसके बाद साल 2017-18 में केवल 11.1507 करोड़ नोटों की प्रिंटिंग की। जबकि 2018-19 में 4.669 करोड़ नोट छापे गए है लेकिन 2019 के बाद से दो हजार का एक भी नोट अब तक छापा नहीं गया है।
पीएम मोदी ने कालेधन को खत्म करने पर लिया फैसला
कहा जा रहा है कि ऐसा करने के पीछे की वजह है कालेधन को रोकने के लिए लिया गया फैसला है। कालेधन को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रूपये के नोटो को प्रचलन से बाहर करने का फैसला सुनाया था। जिसके बाद सरकार ने 500 रुपए के नए नोट और 2 हजार रुपए के नोट को जारी किया था। सरकार ने 2000 रुपए के नोट के छापने के थोड़ें-थोड़ें समय पर 10, 20, 50 और 100 रुपए के नए नोट जारी किए हैं।