अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद भारत सहित अधिकांश देशों ने अपने नागरिकों को देश से निकालना शुरू कर दिया है। भारत सरकार द्वारा अब तक सैकड़ों लोगों स्वदेश वापस लाया जा चुका है। काबुल में बिगड़ते हालात के बीच ऐसे भी कुछ लोग हैं, जो भारत वापस नहीं आना चाहते हैं। अफगानिस्तान में इस समय ऐसे करीब 70 से 80 हिन्दू और सिख हैं, जो अमेरिका और कनाडा जाना चाहते हैं लेकिन भारत नहीं आना चाहते हैं। वो लोग भारत की फ्लाइट छोड़ रहे हैं। इसकी वजह से भारत सरकार की परेशानी बढ़ रही है। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों कई फ्लाइट भेजी गई हियँ लेकिन वो खाली ही लौट रही हैं।
Times of India से बातचीत के दौरान इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंधोक ने बताया है कि अफगानिस्तान के गुरुद्वारा कर्ते परवान में मौजूद 70 से 80 अफगान सिख और हिंदू ऐसे हैं, जो भारत वापस नहीं जाना चाहते हैं। वो लोग कनाडा या अमेरिका जाना चाहते हैं। ये लोग न सिर्फ फ्लाइट छोड़ रहे हैं, बल्कि देश से नागरिकों को निकालने की प्रक्रिया में रुकावट डाल रहे हैं। इसकी कोशिश है कि अपने साथ यह ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोक कर रखें।
इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष ने कहा, ये लोग दो बार भारत की फ्लाइट अमेरिका और कनाडा जाने के चक्कर छोड़ चुके हैं। वो भी तब जब भारत सरकार इन सभी लोगों को सबसे उच्च स्तर की सुविधा उपलब्ध करवा रही है। बताया जा रहा है कि सिख संगठनों ने इन सभी अफगान सिख और हिंदुओं को निकालने के लिए चार्टेड प्लेन की व्यवस्था की है, जिसमे 100 लोग काबुल एयरपोर्ट के बाहर आए भी लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं मिल पाया। गुरुद्वारा में मौजूद सिखों के नेता तरविंदर सिंह ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमे उन्होंने कहा है कि वो अमेरिका या कनाडा आना चाहते है लेकिन भारत आना नहीं चाहते हैं।