कुछ दिनों पहले ही दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के साथ हुए एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह सुझाव दिया था कि 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं नहीं ली जाएं। उनके बचे हुए पेपर को अब कैंसिल कर दिया जाए और उनकी आंतरिक परीक्षाओं के आधार पर ही उत्तीर्ण कर अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाए। बता दें कि इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में देश भर के शिक्षा मंत्री शामिल हुए थे।
हालांकि मंत्रालय ने यह साफ कर दिया है कि दिल्ली के उत्तर पूर्व जिले में कैंसिल हुई परीक्षाएं होंगी मगर इसके लिए अभी तारीख फाइनल नहीं की गई हैं। मंत्रालय ने यह भी बता दिया है कि दसवीं के बच्चे जो परीक्षाएं देंगे उन्हें 10 दिन पहले ही परीक्षा के बारे में बता दिया जाएगा। उन्हें परीक्षा की तैयारी के लिए पूरा समय मिलेगा।
मालूम हो कि दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले में हुई हिंसा के कारण यहां परीक्षाएं नहीं हो पाई थीं। दिल्ली में हुए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के चलते 10वीं के कुछ पेपर छूट गए थे. दंगे के बाद ये परीक्षा टाल दी गई थीं. चूंकि कुछ छात्रों को इस दंगे में चोट का शिकार होना पड़ा था. इसके बाद सरकार ने परीक्षा कराना चाहा तो फिर देश में कोरोना ने दस्तक दे दी. बहरहाल सरकार ने इस नोटिस में साफ कर दिया है कि जैसे भी केंद्र सरकार द्वारा कोई आदेश पारित होता है उसे गाइडलाइन के जरिए छात्रों के समक्ष रख दिया जाएगा. हालांकि ये भी कहा गया है कि 10वीं परीक्षा वैसे तो हो पाना संभव नहीं है लेकिन जैसे ही इस बीमारी का तांडव कम होता है. नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में ये परीक्षा कराई जा सकती हैं.