बता दें कि आगामी महिने टी20 विश्वकप शुरु होने जा रहा है। लेकिन इससे पहले ही भारत को बडा झटका लगा है। भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह चोट की वजह से टी20 विश्वकप से बाहर हो गए है। इसके पहले ऑलराउन्डर रविन्द्र जडेजा भी चोट की वजह से टीम से बाहर हो गए थे। वहीं दीपक हुड्डा को लेकर भी संकेत सही नहीं है।
गुरुवार को पीटीआई के हवाले से खबर मिली की जसप्रीत बुमराह विश्वकप से बाहर हो गए है। उन्हें स्ट्रेस फ्रैक्चर हो गया है। जिससे बुमराह कुछ महिनें क्रिकेट से दूर रह सकते है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब यह तेज गेंदबाज आईपीएल में खेलता है तो कभी चोटिल नहीं होता लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट में आते ही इंजरी हो जाती है।
तो इससे क्या ये माना जा सकता है कि आईपीएल में मुंबई इंडियस अपने खिलाडीयों का ध्यान बीसीसीआई से ज्यादा रखती है। तो आइए आज इसके बारे में विस्तार से जानते है।
क्या मुंबई इंडियस अपने खिलाडीयों का BCCI से ज्यादा रखती है ध्यान?
बुमराह के चोटिल होने के बाद से य़ही सवाल उठाया जा रहा है कि आखिर इंटरनेशनल क्रिकेट में खेलते वक्त खिलाडी इतने चोटिल क्यों होते है। अगर जो हम आंकडे की बात करें तो पिछले दो साल में भारत ने 46 टी20 मैच खेले है। उस दौरान बुमराह 10 मैच ही खेल पाए है।
वहीं पिछले दो सालों मं बुमराह ने 14 टेस्ट और 5 वनडे मुकाबले खेले है। मतलब बुमराह ने 29 ही मैच खेले है। मतलब भारत के लिए बुमराह ने महज 85 दिनों की ही क्रिकेट खेली है। वहीं आईपीएल पर अगर नजर डालें तो बुमराह ने मुंबई इंडियस के लिए सभी मुकाबले खेले है।
मुंबई के लिए बुमराह ने 56 में से 53.2 ओवन फेंके तो 2021 में उन्होंने कुल 55 ओवर फैंके। ऐसे में सवाल यही उठता है कि क्या मुंबई इंडियंस के पास BCCI की अपेक्षा मेडिकल को लेकर अच्छी सुविधाएं हैं।
वापसी करते ही चोटिल हुए बुमराह
बता दें ऑस्ट्रेलिया के सामने दूसरी मैच में बुमराह ने मैदान पर वापसी की थी। इस दौरान वे अच्छी लय में भी दिखे थे। लेकिन तीसरे मैच में ऐसा पीटे कि सवाल खडे होने लगे कि अब विश्वकप में क्या होगा?
जिसके बाद दक्षिण आफ्रिका के सामने मैच से पहले खबर आई कि बुमराह चोटिल हो गए है, लेकिन तब यही लगा कि चोट बडी नहीं है कि, लेकिन अगले दिन खबर आती है कि चोट काफी गंभीर है और बुमराह टी20 विश्वकप से बाहर हो गए।
ऐसे सवाल ये उठ रहा है कि एशिया कप के दौरान बुमराह को रेस्ट दिया गया था और चोट गहरी थी। तो इस आधार पर बुमराह को फिटनेस सर्टिफिकेट आखिर किस आधार पर दिया गया। वहीं अगर फर्जी सर्टिफिकेट देना ही था तो मजबूत और अच्छा देते लेकिन ये एक हफ्ते में दम तोड दिया। बताया गया है कि बुमराह को स्ट्रेस फ्रेक्चर हुआ है, जिसमें ज्यादा खुद पर फॉर्स नहीं देना होता।
तो क्या BCCI की मेडिकल टीम ने जसप्रीत बुमराह को आधी फिटनेस के साथ ही उतार दिया? सोचने वाली बात यह है कि अगर विश्व कप के बीच ऐसा होता तो तब क्या होता ?
आखिर क्या होता है स्ट्रेस फैक्चर
बता दें कि बुमराह को 2019 में पहली बार स्ट्रेस फैक्चर हुआ था। फिर दोबारा उन्हें यही चोट परेशान कर रही है। दक्षिण आफ्रिका के सामने अभ्यास के दौरान उन्हें पीठ दर्द की शिकायत थी। हालांकि यह तेज गेंदबाज स्ट्रेच फ्रैक्चर से जूझ रहा है, वो आखिर है क्या?
दरअसल देखा जाए तो हड्डिया जिंदा टिश्यू होती है। अगर उनपर ज्यादा दबाव पडता है तो उन्हें नुकसान पहुंचता है। जिसके बाद सूजन संबंधी सेल्स का बढना या फिर हड्डियों में सूजन आना बोन स्ट्रेस इंजरी या स्ट्रेस रिएक्शन कहलाता है। इसे ही स्ट्रैच फ्रैक्चर कहा जाता है।
तो क्या बुमराह का खत्म हो जाएगा करियर?
जानकारी के लिए बता दें कि स्ट्रेच फ्रैक्चर जसप्रीत बुमराह का करियर खत्म कर सकता है। उनके बोलिंग एक्शन की वजह से कई बार वो चोट का शिकार हो चूके है। हालांकि अगर आगे भी ऐसा चलता रहा तो बुमराह का करियर खत्म हो सकता है।
बुमराह भारते के लिए तीनों फॉर्मेट में खेलने वाले प्रमुख गेंदबाज है. ऐसे में उनका बार बार चोटिल होना एक अच्छे संकेत नहीं है। पहली बार बुमराह को 2019 में स्ट्रैच फ्रैक्चर हुआ था। इसके बाद इसी साल जुलाई में और अब सितंबर में उन्हैं बैक स्ट्रैस फ्रैक्चर हुआ है, जो कि भारत के लिए बिल्कुल अच्छे संकेत नहीं है।