वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह की जमीन के नीचे तीन झीलों के होने का पता चला है। इससे दो साल पहले भी मंग्रल ग्रह के दक्षिणी ध्रुव पर एक नमकीन झील मिली थी। यह झील बर्फ के नीचे दबी हुई थी। पानी की झील मिलने के बाद अब उम्मीद की जाने लगी है कि मंगल ग्रह पर बसा जा सकता है। केवल एक दुबिधा है कि झील का पानी उपयोग करने लायक हो।
कहा जा रहा है कि यूरोपियन स्पेस एजेंसी के स्पेसक्राफ्ट मार्स एक्सप्रेस ने वर्ष 2018 में जिस स्थान पर नमकीन पानी की झील खोजी थी उसी पुख्ता खोज प्रमाणित करने के लिए वहां वर्ष 2012 से 2015 तक मार्स एक्सप्रेस सैटेलाइट 29 बार गुजरी और इस दौरान उसने कई तस्वीरें ली। इन तस्वीरों में उसी क्षेत्र में तीन और झीलें दिखाई दे रही हैं। इन तीन झीलों के होने को पक्का करने के लिए झीलों का स्पेसक्राफ्ट को वर्ष 2012 से 2019 के बीच 134 बार ऑब्जरवेशन करना पड़ा।
इस दौरान ली गई तस्वीरों में जो नजर आ रहा है वह तरल अवस्था में है जिसे पानी समझा जा रहा है। इसके बारे में विज्ञान मैगजीन नेचर एस्ट्रोनॉमी में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। साथ ही वर्ष 2018 में पाई गई बर्फ से ढकी हुई नमकीन झील अब तक का सबसे बड़ा पानी का सोर्स है जो मंगल ग्रह पर मिला है। यह झील करीब 20 किलोमीटर चौड़ी है। इस संदर्भ में रोम यूनिवर्सिटी की एस्ट्रोसाइंटिस्ट एलना पेटीनेली ने बताया कि दो साल पहले हमने जो पानी की झील खोजी थी अब उसी के आसपास हमें तीन और झीलें दिखी हैं।