रणजी के मैदान पर पृथ्वी शॉ तिहरा शतक ठोक कर रच दिया इतिहास, रोहित, विराट भी नहीं कर पाए हैं ऐसा काम, टीम इंडिया में खेलने का प्रबल दावेदार

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भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार क्रिकेटर पृथ्वी शॉ काफी लम्बे समय से भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं। वह काफी ज्यादा शानदार फॉर्म में है लेकिन फिर भी भारतीय टीम के सेलेक्टर्स उनको टीम में मौका नहीं दे रहे हैं। टीम में मौका न मिलने की वजह से पृथ्वी शॉन है रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट की ओर रुख कर लिया है, जहां पर वे अपने धमाकेदार प्रदर्शन से सबको अपना दीवाना बना रहे हैं। रणजी टूर्नामेंट में खेले जा रहे मुंबई वर्सेज असम टीम के बीच मैच में, पृथ्वी शॉ ने मुंबई टीम की तरफ से बैटिंग करते हुए शानदार तिहारा शतक जड़ दिया है। पृथ्वी शॉ ने अपने इस परफॉर्मेंस से आलोचना करने वालों के चेहरों पर एक करारा तमाचा जड़ा है।

पृथ्वी शॉ ने खेली अविश्वसनीय पारी

इस मैच में शानदार टीम ने तोड़कर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया जो कि उनकी पुरी टीम के लिए बेहद खराब साबित हुआ। मुंबई टीम की तरफ से बैटिंग करने पृथ्वी शॉ ने पहले ही दिन में दोहरा शतक ठोक कर सबको हैरान कर दिया। उसके बाद पृथ्वी शॉ केबल यहां पर नहीं रुके बाल्की दुसरे दिन और भी ज्यादा धमाकेदार अंदाज में बैटिंग करते हुए तिहरा शतक जड़ दिया। इस दौरान पृथ्वी शॉ ने मैदान के चारों ओर शानदार स्ट्रोक्स लगाए, जिसे देखने के बाद सभी के सभी दंग रह गए। हम आपको बता दें की पृथ्वी शॉ ने 383 गेंदो का सामना करते हुए 379 रनो की पारी खेली। इस दौरान उन्होने 49 चोक और 4 गगनचुंबी छक्के लगाये।

बड़े-बड़े दिग्गज नहीं कर पाये हैं यह कारनामा

इस मैच में पृथ्वी शॉ ने जैसे ही 379 रनो की शानदार पारी खेली, वैसे ही वह रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे ज्यादा स्कोर बनाने वाले सेकेंड बैट्समैन बन गए हैं। पृथ्वी शॉ ने संजय मांजरेकर को भी पीछे छोड़ दिया, जिन्होने शानदार बैटिंग करते हुए केवल एक मैच में 377 रन बनाए। हम आपको बता दें की रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट में सबसे बड़ा स्कोर बनाने का रिकॉर्ड बीबी निंबालकर के नाम है, जिन्होने 1948 में काठियावाड़ टीम के खिलाफ बैटिंग करते हुए तूफानी पारी खेली थी।

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