आप तो जानते ही होंगे कि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा खेले जाने वाला खेल क्रिकेट है। क्रिकेट को अनिश्चिताओं का खेल भी कहा जाता है। देखा जाए तो क्रिकेट की दुनिया में कई ऐसे नाम है, जो कुछ वक्त बाद गुमनामियों में खो जाते है।
ऐसे में एक गुमनामी नाम है भालोजी डामोर का, जो कि काफी आर्थिक तंगी से जूझ रहे है। लेकिन क्रिकेटर्स और उनके रहीशी के बारे में आपने काफी बातें सुनी होगी। लेकिन क्या आप जानते है, 1998 के विश्वकप में भारत के लिए बेहतर प्रदर्शन करने वाला खिलाडी आज पैसों की कमी की वजह से बकरी और गाय-भैंस चराने को मजबूर हो गया है।
ये सुनने में बेहद चौंकाने वाला है, लेकिन सत्य है। हम क्रिकेटर भालाजी डामोर की बात कर रहे है। ब्लाइंड क्रिकेटर भालाजी डामोर फिलहाल पैसों की तंगी की वजह से जूझ रहे है।
आज खाने को मोहताज है ये क्रिकेटर
बता दें कि ब्लाइंड क्रिकेट में भारत की और से बेहतर प्रदर्शन करने वाले भालाजी आज खाने के लिए दाने-दाने को मोहताज है। वो बिल्कुल गुमनामी की जिंदगी जी रहे है। कहा जा रहा है कि भालाजी डामोर का पूरा परिवार रात को जमीन पर ही सोता है।
1998 के विश्वकप में भारत के लिए किया था बेहतर प्रदर्शन
बता दें कि 1998 के विश्वकप में भालाजी डामोर का प्रदर्शन शाय़द ही कोई भूला होगा। भालाजी ने अपने खेल की बदौलत भारत को सेमीफाइनल तक पहुंचाया था। भालाजी को अपने प्रदर्शन की बदौलत उस वक्त के पीएम के आर नाराणयन से अवॉर्ड भी प्राप्त हुआ था। वहीं राष्ट्रपति ने पूरी टीम की जमकर तारीफ भी की थी।
क्रिकेट से रिटायर होने के बाद नहीं मिली नौकरी
बता दें कि भालाजी डामोर को क्रिकेट से रिटायर होने के बाद नौकरी नहीं मिली। जिस के बाद भालाजी अपने गांव पिपराणा लौट आए। अब इन दिनों भालाजी को अपना और अपने परिवार का पेट पालने के लिए भैंस बकरियां चरानी पड रही है।
भालाजी का अबतक का क्रिकेट में रहा है शानदार रिकॉर्ड
बता दें कि भालाजी डामोर ने अपने खेल से हर किसी को प्रभावित किया था। भालाजी ने अबतक अपने करियर में 125 मैच खेले है, जिसमें उन्होंने अपने बेट से 3125 रन बनाए है। साथ ही साथ उन्होंने अपनी गेंदबाजी से भी काफी प्रभावित किया है। गेंदबाजी में उन्होंने 150 विकेट अपने नाम किए है।